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पिछले अंक पढने के लिए निम्न लिंक पर चटका लगाये–
वेद और कुरआन – कितने दूर कितने पास – Part 1
वेद और कुरआन – कितने दूर कितने पास – Part 2
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वेदों का ईशदूत कौन था?
कुछ दिन पहले मैंने इस विषय पर लेख लिखा था जिसमें यह सवाल किया था कि हिन्दू बताएं कि वेदों का ईशदूत कौन है?? अब मैं आपको बता दूं कि अगर आप वेदों, बाइबल, तौरेत और कुर-आन का विस्तृत रूप से गहन अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि वह ईशदूत कोई और नहीं बल्कि हज़रत नूह (अलैहिस्सलाम) ही थे, जिसे अन्य ग्रन्थों मनु या न्युह आदि कहा जाता है. आईये जाने कुर-आन, बाइबल और मत्स्य पुराण में इनका किस तरह ज़िक्र है, आपको पढ़ते पढ़ते ही समझ आ जायेगा कि हज़रत नूह (अलैहिस्सलाम) ही मनु हैं….
कुर-आन में नूह (अ.) की कथा:
प्रश्न यह है कि यह ह. नूह (अ.) कौन थे? कुर-आन में दर्शाई गयी निम्न पंक्तियों से यह सहज ही पता चल जाता है–
… और नूह के पास वाणी भेजी गयी कि “तुम्हारी जाति में से अब तक जो आस्तिक हो चुके हैं उन के अतिरिक्त अब कोई और आस्था रखने वाला न होगा तो इन नकारने वालों की करतूतों पर तुम उदास न हो और हमारी देख रेख में तथा हमारे निर्देशन में एक नौका बनाओं औत उम मुझसे उनकी शिफारिश न करना जिन्होंने आतंक और अत्याचार किया. वे डूब कर रहेंगे.” और नूह ने नौका बनानी शुरू कर दी और जब कभी उनकी जाति के मुखिया उनके पास से गुजरते तो उन पर हंसते. उनकी हंसी उड़ाते. नूह ने उनसे कहा कि ” अगर तूम हम पर हंसते हो तो हम भी तुम पर हंसते हैं जैसे तुम हंस रहे हो” शीघ्र ही तुन्हें पता चल जायेगा कि किस पर प्रकोप आएगा.”…. यहाँ तक कि जब हमारा आदेश आ पहुंचा और पृथ्वी से पानी उबलने लगा तो हमने कहा कि “इस नौका में हर प्रकार के जोड़ों में से दो दो को चढ़ा लो और जिनके लिए आदेश हो चुका है उनको छोड़ कर अपने घरवालों और आस्तिकों को भी बैठा लो”. और उनके साथ आस्था करने वाले बहुत कम थे. और नूह ने कहा कि “इसमें (नौका में) सवार हो जाओ, अल्लाह ही के नाम से इसको चलना है और इसको ठहरना है. निसंदेह मेरा प्रभु बड़ा क्षमाशील है और बहुत दयालू है” और वह नौका में उन्हें लेकर पहाड़ जैसी मौजों में चलने लगी… और आदेश हुआ कि “हे पृथ्वी अपना पानी निगल जा और हे आकाश थम जा” और पानी घट गया और कार्य पूरा हो गया नौका “जूदि” नामक पड़ी पर आ ठहरी और कहा गया कि अत्याचार करने वाले दूर हो गए…” आदेश हुआ कि “हे नूह! हमारी ओर से सुरक्षा और आर्शीवाद लेकर उतरो, अपने ऊपर भी और उन जातियों पर भी जो तुम्हारे साथ्यों से उत्पन्न होंगी. और कुछ जातियों तो ऐसी भी होंगी जिन्हें हम कुछ दिन ढील देंगे और फिर उन पर हमारी ओर से प्रकोप होगा”
बाइबल में नूह की कथा
… और परमेश्वर ने पृथ्वी पर दृष्टि की तो देखा कि वह बिगड़ी हुई है क्यूंकि प्राणियों ने पृथ्वी पर अपने अपने चाल चलन बिगाड़ लिए हैं. तब परमेश्वर ने नूह से कहा कि “सब प्राणियों के अंत करने का प्रश्न मेरे समक्ष आ गया है. क्यूंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गयी है. इसलिए मैं उनका पृथ्वी सहित नाश कर डालूँगा. इसलिए तू इन्जिर वृक्ष की लकडी का एक जहाज़ बना और उसमें कोठरियां बनाना और भीतर बाहर उनमें राल लगाना और इस ढंग से उसको बनाना कि जहाज़ की लम्बाई ३०० हाँथ, चौड़ाई ५० हाँथ, ऊँचाई ३० हाँथ की हो. जहाज़ में एक खिड़की बनाना और उनके एक हाँथ ऊपर उसकी छत बनाना आर जहाज़ की एक तरफ़ एक द्वार रखना, और जहाज़ में पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना. और सुनो ! मैं स्वयं पृथ्वी पर जल प्रलय कर सब प्राणियों का नाश कर डालूँगा लेकिन तेरे संग मैं वचन बांधता हूँ इसलिए तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुवों सहित जहाज़ में प्रवेश कर जाओ और सब जीवित प्राणियों में से तू एक एक जाति के दो दो अर्थात एक नर और एक मादा जहाज़ में ले जाकर उन्हें जीवित रखना. एक एक जाति के पशु, पक्षी, और रेंगने वाले सब में से दो दो तेरे पास आयेंगे और….
…. सात दिन के बाद प्रलय का जल पृथ्वी पर आने लगा और पृथ्वी पर ४० दिन तक प्रलय होने लगा और जल पृथ्वी पर अत्यंत बढ़ गया और यहाँ तक कि पृथ्वी के बड़े बड़े पहाड़ जलमग्न हो गए और क्या पक्षी और क्या घरेलू पशु और क्या जंगली पशु और पृश्वी पर सब चलने वाले प्राणी और जितने जंतु और सब मनुष्य मर गए….. केवल नूह के संग जो जहाज़ में थे बच गए. और जल पृथ्वी पर १५० दिन तक प्रबल रहा. … और १५० दिन जल पृथ्वी पर लगातार घटता रहा और जहाज़ “अराफ़ात” नामक पहाड़ पर टिक गया. … तब परमेश्वर ने नूह से कहा कि “तू अपने पुत्रों, पत्नी और बहुवों समेत जहाज़ से निकल आ… तब परमेश्वर ने नूह और उनके पुत्रों को आशीष दी और उनसे कहा कि “फूलो फलो और बढो और पृथ्वी में भर जाओ”
(उत्पत्ति- अध्याय ६, ७, ८, ९)
अब आप निश्चय ही समझ गए होंगे कि कुर-आन और बाइबल में वर्णित नूह कौन थे. जी हाँ महा जल प्लावन वाले “मनु” जिनकी कथाये वैदिक धर्म में विस्तृत रूप से मिलती हैं….
अगले अंक में पढ़े:
मत्स्य पुराण और भविष्य पुराण में मनु की कथा
::चलते चलते::
डूबता हुए सूरज ने कहा- मेरे बाद इस संसार में मार्ग कौन दिखलायेगा? कोई है जो अंधेरों से लड़ने का साहस रखता हो? और फिर एक टिमटिमाता हुआ दीया आगे बढ़ कर बोला — मैं सीमा भर कोशिश करूँगा!
Filed under: वेद और कुरआन
>सलीम खान यहूदी बन जाओ
>सलीम खान यहूदी बन जाओ
>ARE YAHI TO HAM KEH RHE HAI ISLAM KOI DHARM NHI EK PANTH HAI DHARM TO KEVAL EK HI HAI HINDU DHARMMOKSH OR SHANTI SAWROOP KURAN KE KUCH SHLOK VEDO KO DEKHKAR LIKHE GYE HO SAKTE HAI PARATU KURAN ME LIKHA GYA AGAR KOI MURTI PUJAK ALLAH KI SHARN ME NHI AYE USKO MAR DO ASA HAMARA BHAGWAN NHI KKEHATE ABB SAMJH AYA KYA KURAN OR VEDO ME KYA FARK HAISHANTI OR MOKSH KA PARTIK KEWAL HINDU DHARM HAI JISME NA TO KISI PAR ATYACHAR KARNE KI BAT KI GYI OR NHI KISI KO BALAT BHAGWAN KO MANANE KO VIVASH KARNE KI BAT KI GYI
>ARE YAHI TO HAM KEH RHE HAI ISLAM KOI DHARM NHI EK PANTH HAI DHARM TO KEVAL EK HI HAI HINDU DHARMMOKSH OR SHANTI SAWROOP KURAN KE KUCH SHLOK VEDO KO DEKHKAR LIKHE GYE HO SAKTE HAI PARATU KURAN ME LIKHA GYA AGAR KOI MURTI PUJAK ALLAH KI SHARN ME NHI AYE USKO MAR DO ASA HAMARA BHAGWAN NHI KKEHATE ABB SAMJH AYA KYA KURAN OR VEDO ME KYA FARK HAISHANTI OR MOKSH KA PARTIK KEWAL HINDU DHARM HAI JISME NA TO KISI PAR ATYACHAR KARNE KI BAT KI GYI OR NHI KISI KO BALAT BHAGWAN KO MANANE KO VIVASH KARNE KI BAT KI GYI
>चार्ल्स डारविन का विकासवादी दृष्टिकोण कुछ और बयां करती है….कभी फुर्सत मिले तो तमाम धर्मों में समानता और असमानता खोजने के साथ-साथ उन्हें विकासवादी नजरिये से भी तौलने की कोशिश करें….एक बात और डार्विन के विकासवाद में भी छेद हो सकता है…नोह के जहाज पर इब्सन की एक कविता बहुत अच्छी थी….मक्सिम गोर्की के तीन खंड में छपे मेरा बचपन , माई एप्रेंटिश और माई यूनिवर्सिटी के किसी एक खंड में पढ़ी थी…हो सके तो उस कविता को खोज कर पढ़िये….
>चार्ल्स डारविन का विकासवादी दृष्टिकोण कुछ और बयां करती है….कभी फुर्सत मिले तो तमाम धर्मों में समानता और असमानता खोजने के साथ-साथ उन्हें विकासवादी नजरिये से भी तौलने की कोशिश करें….एक बात और डार्विन के विकासवाद में भी छेद हो सकता है…नोह के जहाज पर इब्सन की एक कविता बहुत अच्छी थी….मक्सिम गोर्की के तीन खंड में छपे मेरा बचपन , माई एप्रेंटिश और माई यूनिवर्सिटी के किसी एक खंड में पढ़ी थी…हो सके तो उस कविता को खोज कर पढ़िये….
>महाशय,अधकचरे ज्ञान का प्रदर्शन ना करे तो बेहतर होगा !मनू की कहानी किसी वेद मे नही कही गयी है ना ही किसी उपनिषद मे. मनू की कहानी 'मतस्य पुराण' मे है ! वेद, उपनिषद और पुराणो मे अँतर है, इनकी खीचडी मत बनाओ !
>महाशय,अधकचरे ज्ञान का प्रदर्शन ना करे तो बेहतर होगा !मनू की कहानी किसी वेद मे नही कही गयी है ना ही किसी उपनिषद मे. मनू की कहानी 'मतस्य पुराण' मे है ! वेद, उपनिषद और पुराणो मे अँतर है, इनकी खीचडी मत बनाओ !
>अंधे के हाथ में अगर हाथी का सूंड आ जाय तो वह 'साँप-सांप' चिल्लाता है।
>अंधे के हाथ में अगर हाथी का सूंड आ जाय तो वह 'साँप-सांप' चिल्लाता है।
>सलीम उर्फ एक मानसिक रोगी,आप तुरंत किसी मनोचिकित्सक को दिखाओ. लखनऊ के कुछ मनोचिकित्सकों का पता नीचे दिया गया है :King George's Medical CollegeOPD & Emergency Days:Monday: Prof PK DalalTuesday:Dr Vivek Agarwal/ Dr Anil NischalWednesday: Prof JK TrivediThursday: DR Anil Nischal / Dr Bandana GuptaFriday: Prof Harjeet Singh/ Dr SM SinghSaturday: Prof P Sitholey/ Dr Bandana GuptaSunday Emergency: 1st : Dr Bandana Gupta; 2nd: Dr SM Singh, 3rd: Dr Anil Nischal, 4th Dr Vivek Agarwal, 5th Dr PK Dalalलेकिन इनसे तभी ईलाज करवाना जब ये ईस्लाम कुबूल कर लें. या फिर कोई मुस्लिम डाक्टर ढुंढ लो अगर मिल जाये तो, क्योंकि मदरसों में तो डाक्टरी पढाई नहीं जाती और स्कूल कालेज तो शरीयत के खिलाफ हैं. इसी लिये पाकिस्तान में ईस्लाम के ठेकेदार रोज स्कूलों और विश्व्धालयों मे बम विस्फोट करते रहते हैं.
>सलीम उर्फ एक मानसिक रोगी,आप तुरंत किसी मनोचिकित्सक को दिखाओ. लखनऊ के कुछ मनोचिकित्सकों का पता नीचे दिया गया है :King George's Medical CollegeOPD & Emergency Days:Monday: Prof PK DalalTuesday:Dr Vivek Agarwal/ Dr Anil NischalWednesday: Prof JK TrivediThursday: DR Anil Nischal / Dr Bandana GuptaFriday: Prof Harjeet Singh/ Dr SM SinghSaturday: Prof P Sitholey/ Dr Bandana GuptaSunday Emergency: 1st : Dr Bandana Gupta; 2nd: Dr SM Singh, 3rd: Dr Anil Nischal, 4th Dr Vivek Agarwal, 5th Dr PK Dalalलेकिन इनसे तभी ईलाज करवाना जब ये ईस्लाम कुबूल कर लें. या फिर कोई मुस्लिम डाक्टर ढुंढ लो अगर मिल जाये तो, क्योंकि मदरसों में तो डाक्टरी पढाई नहीं जाती और स्कूल कालेज तो शरीयत के खिलाफ हैं. इसी लिये पाकिस्तान में ईस्लाम के ठेकेदार रोज स्कूलों और विश्व्धालयों मे बम विस्फोट करते रहते हैं.
> मनु में दिलचस्पी रखने वालों के लिये खास तोहफा कश्ती-ए-नूह(मनु) को पुरातत्ववेत्ताओं ने आखिर ख़ोज ही निकालाडायरेक्ट लिंककश्ती-ए-नूह(मनु) को पुरातत्ववेत्ताओं ने आखिर ख़ोज ही निकाला
> मनु में दिलचस्पी रखने वालों के लिये खास तोहफा कश्ती-ए-नूह(मनु) को पुरातत्ववेत्ताओं ने आखिर ख़ोज ही निकालाडायरेक्ट लिंककश्ती-ए-नूह(मनु) को पुरातत्ववेत्ताओं ने आखिर ख़ोज ही निकाला
>ISLAM AUR HINDUSM KE BARE ME DEWANAND SARASWATIJI KE VICHAR DEKHENhttp://www.youtube.com/watch?v=joJGXkbAMks&feature=relatedA.U.SIDDIQUI
>ISLAM AUR HINDUSM KE BARE ME DEWANAND SARASWATIJI KE VICHAR DEKHENhttp://www.youtube.com/watch?v=joJGXkbAMks&feature=relatedA.U.SIDDIQUI
>bahoot khoob
>bahoot khoob
>http://www.youtube.com/watch?v=joJGXkbAMks&feature=रेलातेद भाई कोई फ्राडियो से पूछो कौन से पीठ के शंकराचार्य है ये ? आज फर्जी शंकराचार्य जैसे आये है ,कल मुहम्मद साहब को पापा मम्मी समेत ऐसे ही ले आयेंगे जाकिर अब्दुल करीम नाइक ! देखिये साहब मुसलमान माने मुकम्मल इमान !!!ज़ाकिर इमान बेच कर लइया पट्टी खा आये अब वो काहे के मुसलमान बचे अगर मुसलमान ऐसे ही होते हो और ये सब फ्रॉड को मिसाल माने तो मनोरोग का क्या आलम है समझ जाइए ?
>http://www.youtube.com/watch?v=joJGXkbAMks&feature=रेलातेद भाई कोई फ्राडियो से पूछो कौन से पीठ के शंकराचार्य है ये ? आज फर्जी शंकराचार्य जैसे आये है ,कल मुहम्मद साहब को पापा मम्मी समेत ऐसे ही ले आयेंगे जाकिर अब्दुल करीम नाइक ! देखिये साहब मुसलमान माने मुकम्मल इमान !!!ज़ाकिर इमान बेच कर लइया पट्टी खा आये अब वो काहे के मुसलमान बचे अगर मुसलमान ऐसे ही होते हो और ये सब फ्रॉड को मिसाल माने तो मनोरोग का क्या आलम है समझ जाइए ?